सुबह की पहली किरण
नींद से जगाती ,अपने होने का अहशास करा जाती
अंगराइयों के भवर में ,भीनी खुशबु छोड़ जाती
सुबह की पहली किरण ।
अपनी हथेलियों को पलकों पर रख कर, मैंने भी महसूस किया था तुम्हे
लाल ,हरा ,नीला ,पीला न जाने कितने रंगों को अपने में समाये
अँधेरी रात के सारे गिले शिकवे अपने आप में समाये फिर से नए राह दिखा जाती वो
सुबह की पहली किरण ।
दिन ढलता जाता है ,और सुबह की पहली किरण अपने दिन के सारे अहशास ले जाती है
फिर से एक नयी सुबह की शुरुआत के लिए ।
[अपनी कलम से ]
great sayings,i love and like it.
ReplyDeletegood mrning to all of you
Thank you !
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